Friday, December 31, 2010

दर्द

दर्द एक एहसास ही तो है
अन्तर की परतों में दबा–
सुगबुगाता हुआ
ज्यों कांटों सी चुभन
दरकती उम्मीद
ढहता हुआ आसमान
याकि बुझते हुए सुर
मन में संजोया हुआ है
सीप के मोती की तरह

7 comments:

  1. श्रीमती विनीता शुक्ला जी, आपकी कविता "माँ मुझे बैसाखियाँ मत दो" पढ़कर सिक्के का एक पहलू पता चला फिर टिप्पणियों में डॉ. जमाल जी की कही हुई "माँ, क्यों दिलाई तुमने शिक्षा?" पढ़कर सिक्के का दूसरा पहलू पता चला. उसके बाद आपकी डॉ. जमाल जी को सम्बोधित टिप्पणी पढ़कर बहुत ख़ुशी हुई. आपके विचारों से सहमत भी हूँ. लेकिन कोई भी औरत अगर सही रास्ते पर चलकर आगे बढे. मात्र कामयाबी के लिए अनैतिक कार्य न करें. मैंने कई ब्लोगों पर अपशब्दों का प्रयोग देखा है. क्या पाठकों व लेखकों को किसी भी मुद्दे पर एक स्वस्थ बहस नहीं करनी चाहिए? पाठक अपना अनुभव व तर्क रखे और लेखक अपना अनुभव व तर्क रखे. मगर इसमें अपशब्दों का स्थान नहीं होना चाहिए.

    आप सभी पाठकों और दोस्तों से हमारी विनम्र अनुरोध के साथ ही इच्छा हैं कि-अगर आपको समय मिले तो कृपया करके मेरे (http://sirfiraa.blogspot.com , http://rksirfiraa.blogspot.com , http://shakuntalapress.blogspot.com , http://mubarakbad.blogspot.com , http://aapkomubarakho.blogspot.com , http://aap-ki-shayari.blogspot.com , http://sachchadost.blogspot.com, http://sach-ka-saamana.blogspot.com , http://corruption-fighters.blogspot.com ) ब्लोगों का भी अवलोकन करें और अपने बहूमूल्य सुझाव व शिकायतें अवश्य भेजकर मेरा मार्गदर्शन करें. आप हमारी या हमारे ब्लोगों की आलोचनात्मक टिप्पणी करके हमारा मार्गदर्शन करें और अपने दोस्तों को भी करने के लिए कहे.हम आपकी आलोचनात्मक टिप्पणी का दिल की गहराईयों से स्वागत करने के साथ ही प्रकाशित करने का आपसे वादा करते हैं # निष्पक्ष, निडर, अपराध विरोधी व आजाद विचारधारा वाला प्रकाशक, मुद्रक, संपादक, स्वतंत्र पत्रकार, कवि व लेखक रमेश कुमार जैन उर्फ़ "सिरफिरा" फ़ोन:9868262751, 9910350461

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  2. हर वो भारतवासी जो भी भ्रष्टाचार से दुखी है, वो देश की आन-बान-शान के लिए समाजसेवी श्री अन्ना हजारे की मांग "जन लोकपाल बिल" का समर्थन करने हेतु 022-61550789 पर स्वंय भी मिस्ड कॉल करें और अपने दोस्तों को भी करने के लिए कहे. यह श्री हजारे की लड़ाई नहीं है बल्कि हर उस नागरिक की लड़ाई है जिसने भारत माता की धरती पर जन्म लिया है.पत्रकार-रमेश कुमार जैन उर्फ़ "सिरफिरा"

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  3. भ्रष्टाचारियों के मुंह पर तमाचा, जन लोकपाल बिल पास हुआ हमारा.

    बजा दिया क्रांति बिगुल, दे दी अपनी आहुति अब देश और श्री अन्ना हजारे की जीत पर योगदान करें

    आज बगैर ध्रूमपान और शराब का सेवन करें ही हर घर में खुशियाँ मनाये, अपने-अपने घर में तेल,घी का दीपक जलाकर या एक मोमबती जलाकर जीत का जश्न मनाये. जो भी व्यक्ति समर्थ हो वो कम से कम 11 व्यक्तिओं को भोजन करवाएं या कुछ व्यक्ति एकत्रित होकर देश की जीत में योगदान करने के उद्देश्य से प्रसाद रूपी अन्न का वितरण करें.

    महत्वपूर्ण सूचना:-अब भी समाजसेवी श्री अन्ना हजारे का समर्थन करने हेतु 022-61550789 पर स्वंय भी मिस्ड कॉल करें और अपने दोस्तों को भी करने के लिए कहे. पत्रकार-रमेश कुमार जैन उर्फ़ "सिरफिरा" सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना हैं ज़ोर कितना बाजू-ऐ-कातिल में है.

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  4. श्रीमान जी, मैंने अपने अनुभवों के आधार ""आज सभी हिंदी ब्लॉगर भाई यह शपथ लें"" हिंदी लिपि पर एक पोस्ट लिखी है. मुझे उम्मीद आप अपने सभी दोस्तों के साथ मेरे ब्लॉग www.rksirfiraa.blogspot.com पर टिप्पणी करने एक बार जरुर आयेंगे. ऐसा मेरा विश्वास है.

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  5. श्रीमान जी, क्या आप हिंदी से प्रेम करते हैं? तब एक बार जरुर आये. मैंने अपने अनुभवों के आधार ""आज सभी हिंदी ब्लॉगर भाई यह शपथ लें"" हिंदी लिपि पर एक पोस्ट लिखी है. मुझे उम्मीद आप अपने सभी दोस्तों के साथ मेरे ब्लॉग www.rksirfiraa.blogspot.com पर टिप्पणी करने एक बार जरुर आयेंगे. ऐसा मेरा विश्वास है.

    श्रीमान जी, हिंदी के प्रचार-प्रसार हेतु सुझाव :-आप भी अपने ब्लोगों पर "अपने ब्लॉग में हिंदी में लिखने वाला विजेट" लगाए. मैंने भी कल ही लगाये है. इससे हिंदी प्रेमियों को सुविधा और लाभ होगा.

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  6. प्रिय दोस्तों! क्षमा करें.कुछ निजी कारणों से आपकी पोस्ट/सारी पोस्टों का पढने का फ़िलहाल समय नहीं हैं,क्योंकि 20 मई से मेरी तपस्या शुरू हो रही है.तब कुछ समय मिला तो आपकी पोस्ट जरुर पढूंगा.फ़िलहाल आपके पास समय हो तो नीचे भेजे लिंकों को पढ़कर मेरी विचारधारा समझने की कोशिश करें.
    दोस्तों,क्या सबसे बकवास पोस्ट पर टिप्पणी करोंगे. मत करना,वरना......... भारत देश के किसी थाने में आपके खिलाफ फर्जी देशद्रोह या किसी अन्य धारा के तहत केस दर्ज हो जायेगा. क्या कहा आपको डर नहीं लगता? फिर दिखाओ सब अपनी-अपनी हिम्मत का नमूना और यह रहा उसका लिंक प्यार करने वाले जीते हैं शान से, मरते हैं शान से
    श्रीमान जी, हिंदी के प्रचार-प्रसार हेतु सुझाव :-आप भी अपने ब्लोगों पर "अपने ब्लॉग में हिंदी में लिखने वाला विजेट" लगाए. मैंने भी लगाये है.इससे हिंदी प्रेमियों को सुविधा और लाभ होगा.क्या आप हिंदी से प्रेम करते हैं? तब एक बार जरुर आये. मैंने अपने अनुभवों के आधार आज सभी हिंदी ब्लॉगर भाई यह शपथ लें हिंदी लिपि पर एक पोस्ट लिखी है.मुझे उम्मीद आप अपने सभी दोस्तों के साथ मेरे ब्लॉग एक बार जरुर आयेंगे. ऐसा मेरा विश्वास है.
    क्या ब्लॉगर मेरी थोड़ी मदद कर सकते हैं अगर मुझे थोडा-सा साथ(धर्म और जाति से ऊपर उठकर"इंसानियत" के फर्ज के चलते ब्लॉगर भाइयों का ही)और तकनीकी जानकारी मिल जाए तो मैं इन भ्रष्टाचारियों को बेनकाब करने के साथ ही अपने प्राणों की आहुति देने को भी तैयार हूँ.
    अगर आप चाहे तो मेरे इस संकल्प को पूरा करने में अपना सहयोग कर सकते हैं. आप द्वारा दी दो आँखों से दो व्यक्तियों को रोशनी मिलती हैं. क्या आप किन्ही दो व्यक्तियों को रोशनी देना चाहेंगे? नेत्रदान आप करें और दूसरों को भी प्रेरित करें क्या है आपकी नेत्रदान पर विचारधारा?
    यह टी.आर.पी जो संस्थाएं तय करती हैं, वे उन्हीं व्यावसायिक घरानों के दिमाग की उपज हैं. जो प्रत्यक्ष तौर पर मनुष्य का शोषण करती हैं. इस लिहाज से टी.वी. चैनल भी परोक्ष रूप से जनता के शोषण के हथियार हैं, वैसे ही जैसे ज्यादातर बड़े अखबार. ये प्रसार माध्यम हैं जो विकृत होकर कंपनियों और रसूखवाले लोगों की गतिविधियों को समाचार बनाकर परोस रहे हैं.? कोशिश करें-तब ब्लाग भी "मीडिया" बन सकता है क्या है आपकी विचारधारा?

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  7. मेरा बिना पानी पिए आज का उपवास है आप भी जाने क्यों मैंने यह व्रत किया है.

    दिल्ली पुलिस का कोई खाकी वर्दी वाला मेरे मृतक शरीर को न छूने की कोशिश भी न करें. मैं नहीं मानता कि-तुम मेरे मृतक शरीर को छूने के भी लायक हो.आप भी उपरोक्त पत्र पढ़कर जाने की क्यों नहीं हैं पुलिस के अधिकारी मेरे मृतक शरीर को छूने के लायक?

    मैं आपसे पत्र के माध्यम से वादा करता हूँ की अगर न्याय प्रक्रिया मेरा साथ देती है तब कम से कम 551लाख रूपये का राजस्व का सरकार को फायदा करवा सकता हूँ. मुझे किसी प्रकार का कोई ईनाम भी नहीं चाहिए.ऐसा ही एक पत्र दिल्ली के उच्च न्यायालय में लिखकर भेजा है. ज्यादा पढ़ने के लिए किल्क करके पढ़ें. मैं खाली हाथ आया और खाली हाथ लौट जाऊँगा.

    मैंने अपनी पत्नी व उसके परिजनों के साथ ही दिल्ली पुलिस और न्याय व्यवस्था के अत्याचारों के विरोध में 20 मई 2011 से अन्न का त्याग किया हुआ है और 20 जून 2011 से केवल जल पीकर 28 जुलाई तक जैन धर्म की तपस्या करूँगा.जिसके कारण मोबाईल और लैंडलाइन फोन भी बंद रहेंगे. 23 जून से मौन व्रत भी शुरू होगा. आप दुआ करें कि-मेरी तपस्या पूरी हो

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